आईपीएल 2025 में लखनऊ सुपर जायंट्स की शुरुआत काफी निराशाजनक रही है। दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ एक रोमांचक मुकाबले में लखनऊ को एक विकेट से हार का सामना करना पड़ा। इस मैच में लखनऊ ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 209 रन बनाए थे, जो एक मजबूत स्कोर नजर आ रहा था। हालांकि, दिल्ली की टीम के शुरुआती तीन विकेट जल्दी गिरने के बाद ऐसा लग रहा था कि लखनऊ इस मैच को आसानी से जीत लेगा। दिल्ली के बल्लेबाज 7 रन पर तीन विकेट गंवा चुके थे, लेकिन फिर एक ऐसी घटना घटी जिसने मैच का रुख बदल दिया।
लखनऊ के गेंदबाजों में डेथ ओवरों में अनुभव की कमी साफ नजर आई। आशुतोष शर्मा और विपराज निगम ने आखिरी पांच ओवरों में ताबड़तोड़ रन बनाए और लखनऊ के गेंदबाजों को पूरी तरह से दबाव में डाल दिया। दिल्ली के बल्लेबाजों ने अंत तक आक्रामक खेल जारी रखा, और इस तरह से दिल्ली ने आखिरी ओवर में तीन गेंदों शेष रहते हुए यह मैच जीत लिया। यह लखनऊ के लिए एक चौंकाने वाली हार थी, क्योंकि मैच के अंत तक 98 प्रतिशत तक विन प्रेडिक्शन लखनऊ के पक्ष में था।
इस हार के बाद, लखनऊ के सहायक कोच लांस क्लूसनर ने माना कि टीम के चोटिल खिलाड़ियों की वापसी तक वैकल्पिक खिलाड़ियों से ही काम चलाना पड़ेगा। दरअसल, लखनऊ की टीम के पास इस समय कुछ बेहतरीन पेस गेंदबाजों की चौकड़ी थी, जिसमें मोहसिन खान, आवेश खान, आकाशदीप और मयंक अग्रवाल जैसे खिलाड़ी शामिल थे। हालांकि, टूर्नामेंट शुरू होने से पहले ही ये सभी खिलाड़ी चोटिल हो गए, जिससे लखनऊ को बहुत बड़ा झटका लगा। इन चोटों के कारण लखनऊ के पास अनुभवी गेंदबाजों का अभाव हो गया है, और इसका नुकसान उन्हें इस मैच में साफ तौर पर हुआ।
लखनऊ की टीम ने मेगा नीलामी में काफी संतुलित टीम बनाई थी, लेकिन इन चोटों ने उनके प्लान्स को पूरी तरह से बदल दिया है। गेंदबाजी में गहरी कमी होने के कारण, लखनऊ को डेथ ओवरों में खासा नुकसान उठाना पड़ा, और दिल्ली के बल्लेबाजों ने इसका फायदा उठाया। यह हार लखनऊ के लिए एक बड़ा सबक है, और उन्हें जल्द ही अपनी गेंदबाजी लाइन-अप को मजबूत करना होगा, ताकि आगामी मैचों में बेहतर प्रदर्शन कर सकें।
आईपीएल 2025 के सीजन में लखनऊ सुपर जायंट्स का आगाज बेहद निराशाजनक रहा। दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ हुए रोमांचक मुकाबले में लखनऊ को एक विकेट से हार का सामना करना पड़ा, जो न केवल टीम बल्कि उनके समर्थकों के लिए भी काफी चौंकाने वाली रही। इस मुकाबले में लखनऊ ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 209 रन बनाए थे, जो इस पिच पर एक मजबूत और चुनौतीपूर्ण स्कोर माना जा रहा था। दिल्ली की टीम ने भी मजबूत शुरुआत की थी, लेकिन लखनऊ के गेंदबाजों ने जल्दी तीन विकेट लेकर मैच को पूरी तरह से अपनी तरफ मोड़ दिया। दिल्ली के 7 रन पर तीन विकेट गिर गए थे, और यह लग रहा था कि लखनऊ इस मैच को आराम से जीत जाएगा।
हालांकि, दिल्ली के बल्लेबाजों ने हार मानने का नाम नहीं लिया। डेथ ओवरों में लखनऊ के गेंदबाजों की गेंदबाजी में अनुभव की भारी कमी देखने को मिली। आशुतोष शर्मा और विपराज निगम जैसे युवा गेंदबाजों ने दबाव के बावजूद अपनी कड़ी मेहनत और शार्प शॉट्स के साथ लखनऊ के गेंदबाजों को रन बनाने का मौका दिया। इन दोनों बल्लेबाजों ने मैच के आखिरी ओवरों में तेजी से रन बनाए, और लखनऊ के गेंदबाजों ने मैच को नियंत्रित करने का मौका खो दिया। इस दौरान, लखनऊ की टीम के पास वह अनुभव और जज्बा नहीं था, जो एक मैच को खत्म करने के लिए जरूरी होता है। दिल्ली के बल्लेबाजों ने लखनऊ को बुरी तरह से पछाड़ते हुए, तीन गेंद शेष रहते हुए मुकाबला जीत लिया।
इस हार के बाद, लखनऊ के सहायक कोच लांस क्लूसनर ने बयान दिया कि टीम में चोटिल खिलाड़ियों की वापसी से पहले, वैकल्पिक खिलाड़ियों से ही काम चलाना पड़ेगा। वह मानते हैं कि टीम के पास जो खिलाड़ी हैं, वे अपनी पूरी मेहनत कर रहे हैं, लेकिन उनके पास किसी भी मुकाबले को जीतने के लिए पर्याप्त अनुभव की कमी है। लखनऊ की टीम ने मेगा नीलामी के दौरान बेहतरीन पेस गेंदबाजों का चयन किया था, जिनमें मोहसिन खान, आवेश खान, आकाशदीप और मयंक अग्रवाल जैसे युवा और अनुभवी खिलाड़ी शामिल थे। यह पेस चार्ज की चौकड़ी लखनऊ के लिए एक मजबूत हथियार साबित हो सकती थी, लेकिन दुर्भाग्यवश, टूर्नामेंट शुरू होने से पहले ही ये चारों खिलाड़ी चोटिल हो गए। इस कारण, लखनऊ को बिना अपनी प्रमुख गेंदबाजी इकाई के ही मैदान पर उतरना पड़ा, और यही कारण बना कि टीम को इस मैच में हार का सामना करना पड़ा।
चोटों के कारण लखनऊ को गेंदबाजी में अनुभव की कमी महसूस हुई, और इसका सबसे बड़ा नुकसान उन्हें डेथ ओवरों में उठाना पड़ा। जबकि दिल्ली की टीम 7 रन पर तीन विकेट गंवाने के बाद मुश्किल में दिख रही थी, लेकिन लखनऊ के गेंदबाजों की अनुभवहीनता ने दिल्ली को संभलने और मैच में वापसी करने का मौका दिया। इस हार के बाद, लखनऊ को यह समझने की आवश्यकता है कि बिना अनुभवी पेस गेंदबाजों के टीम को मुकाबले जीतने के लिए कितनी मुश्किलें हो सकती हैं। इस हार से यह भी साफ हो गया कि लखनऊ की टीम में केवल बल्लेबाजी पर ध्यान देना काफी नहीं है; गेंदबाजी को भी मजबूत बनाना बेहद जरूरी है।
लखनऊ सुपर जायंट्स की टीम मेगा नीलामी में संतुलित दिख रही थी, लेकिन अब जब टीम के प्रमुख पेस गेंदबाज चोटिल हो गए हैं, तो लखनऊ को अपनी टीम में कुछ बदलावों पर विचार करना होगा। उन्हें यह समझना होगा कि डेथ ओवरों में अनुभव और दबाव को संभालने की क्षमता एक मैच के परिणाम को बदल सकती है। लखनऊ की गेंदबाजी इस समय पूरी तरह से अव्यवस्थित और कमजोर नजर आ रही है। इसलिए, टीम के कोच और सपोर्ट स्टाफ को जल्द ही इस पर काम करने की जरूरत है।
लखनऊ सुपर जायंट्स की टीम अगर आईपीएल 2025 के सीजन में आगे बढ़ने का इरादा रखती है, तो उन्हें अपनी गेंदबाजी विभाग में सुधार लाना होगा। फिलहाल, टीम को हर मैच में जीतने के लिए बचे हुए खिलाड़ियों को अपनी सर्वश्रेष्ठ स्थिति में लाने की आवश्यकता है। यह हार टीम के लिए एक बड़ी चेतावनी है कि बिना मजबूत गेंदबाजी लाइन-अप के बड़े स्कोर का बचाव करना मुश्किल हो सकता है। लखनऊ को अब चोटिल खिलाड़ियों की वापसी का इंतजार करना होगा, लेकिन इस बीच वैकल्पिक खिलाड़ियों के साथ टीम को अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देने की चुनौती होगी।